Dept Fresh Mandate: आपके घर में कैश कितना है? क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी नकदी की बचत आपके लिए आयकर विभाग के साथ मुसीबत का कारण बन सकती है? जी हां, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नकदी रखने को लेकर एक नया और सीधा नियम जारी किया है, जिसके बारे में हर उस व्यक्ति को पता होना चाहिए जो अपने घर में कैश रखता है। यह नियम सिर्फ बड़े बिजनेसमैन या अमीर लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी बहुत जरूरी है। अगर आप इस नए बदलाव से अनजान हैं, तो आप अनजाने में ही टैक्स के नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं, जिसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।

इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको इनकम टैक्स विभाग के इस नए मंडेट के बारे में पूरी और सही जानकारी मिल जाएगी। हम आपको बिल्कुल साफ शब्दों में बताएंगे कि नया नियम क्या है, आप कितना कैश रख सकते हैं, क्या दिक्कतें आ सकती हैं और इन सबसे बचने का तरीका क्या है। यह जानकारी आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बना सकती है और आपको बड़ी परेशानियों से बचा सकती है। इसलिए, इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप पूरी तरह सुरक्षित रह सकें।

इनकम टैक्स विभाग का नया नियम: घर में कैश रखने की सीमा

आपकी जानकारी के लिए बता दें, इनकम टैक्स विभाग का नया नियम कहता है कि कोई भी व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा का कैश लेनदेन नहीं कर सकता। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर आपके घर में इनकम टैक्स की कोई रेड पड़ती है और वहां 20 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी मिलती है, जिसका स्रोत साफ नहीं है, तो उस पर 137 प्रतिशत तक का टैक्स और जुर्माना लग सकता है। यह नियम काले धन पर रोक लगाने और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है।

कितना कैश रखना है सुरक्षित?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर आप अपने पास कितना नकद रख सकते हैं? आपको बता दें, कानूनी तौर पर घर में रखी गई किसी भी रकम पर कोई सीधी पाबंदी नहीं है। लेकिन, अगर वह रकम आपकी ज्ञात आमदनी से ज्यादा है, तो विभाग आपसे सवाल जरूर पूछेगा। आमतौर पर, अगर आपके पास 10-15 लाख रुपये से कम की नकदी है और आप उसका स्रोत बता सकते हैं, तो आपको किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। हां, बिना स्रोत बताए ज्यादा पैसा रखना जोखिम भरा हो सकता है।

कैश रखने से जुड़े जोखिम और टैक्स नोटिस

अगर आयकर विभाग को लगता है कि आपने बिना किसी जरूरी कागजात के ज्यादा नकदी जमा कर रखी है, तो वह आप पर निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है:

  • टैक्स और जुर्माना: बिना स्रोत वाली नकदी पर आपकी कुल आमदनी के हिसाब से 30% से लेकर 137% तक का टैX और जुर्माना लग सकता है।
  • रेड की आशंका: ज्यादा कैश रखने वाले लोगों पर इनकम टैक्स रेड की आशंका हमेशा बनी रहती है।
  • सबूत मांगना: विभाग आपसे पैसों के स्रोत के बारे में सबूत मांग सकता है। अगर आप सबूत नहीं दे पाते, तो वह पूरी रकम को ‘अनडिक्लेयर्ड इनकम’ मान सकता है।

कैसे बचें इस परेशानी से?

इन सभी दिक्कतों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप डिजिटल पेमेंट और बैंकिंग चैनल्स का इस्तेमाल करें। बड़े लेन-देन हमेशा चेक, डिमांड ड्राफ्ट (DD) या ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए ही करें। अगर आपके पास ज्यादा नकदी है, तो उसे बैंक में जमा कर दें और उसकी पूरी जानकारी अपने टैक्स रिटर्न में भरे। इससे आपकी आमदनी पारदर्शी बनेगी और विभाग के साथ किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी।

क्या करें अगर पहले से ही ज्यादा कैश है?

अगर आपके पास पहले से ही कोई ऐसी नकदी है जिसका स्रोत आपने अभी तक अपने टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाया है, तो घबराएं नहीं। आप अभी भी उस रकम को बैंक में जमा कर सकते हैं और अगले टैक्स रिटर्न में उसे ‘पुरानी बचत’ या ‘कैपिटल गेन’ आदि के रूप में डिक्लेयर कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपके पास पुराने रिकॉर्ड जरूर होने चाहिए। अगर रकम बहुत ज्यादा है, तो एक टैक्स कंसल्टेंट से मदद लेना एक अच्छा फैसला होगा।

इनकम टैक्स विभाग के इस नए नियम का मकसद लोगों को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता लाना है। थोड़ी सी सावधानी और सही प्लानिंग से आप न केवल टैक्स नोटिस से बच सकते हैं बल्कि एक बेहतर आर्थिक भविष्य भी बना सकते हैं। डिजिटल लेनदेन अपनाकर और अपने वित्त का सही हिसाब रखकर आप अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।