Cibil Score Interest Benefits: क्या आपने कभी सोचा है कि लोन लेने के लिए जरूरी सिबिल स्कोर को बार-बार चेक करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है? अगर आप भी उन लाखों लोगों में से हैं जो बिना सोचे-समझे अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते रहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत जरूरी है। यहां हम आपको बताएंगे कि सिबिल स्कोर को लेकर कौन-सी भ्रांतियां हैं, बार-बार चेक करने के क्या नुकसान हैं और इसके क्या नियम हैं। अगर आप लोन लेने या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपकी आर्थिक सेहत के लिए बेहद अहम साबित होगी।
आपको बता दें कि इस आर्टिकल में हम आपको सिबिल स्कोर से जुड़े हर पहलू के बारे में सीधा और सरल भाषा में जानकारी देंगे। हम यहां सिर्फ अफवाहों पर बात नहीं करेंगे बल्कि आधिकारिक नियमों के आधार पर आपको पूरी बात समझाएंगे। इसलिए, अपने भविष्य के फाइनेंशियल फैसलों को बेहतर बनाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
सिबिल स्कोर क्या होता है और यह क्यों जरूरी है?
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है जो 300 से 900 के बीच में होता है। यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखकर बनाया जाता है और यही वह चीज है जो बैंक तय करते हैं कि आपको लोन देना है या नहीं। आपको बता दें कि 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है और इससे आपको लोन आसानी से मिल जाता है साथ ही कम ब्याज दर पर भी मिलता है। अगर आपका स्कोर कम है तो आपको लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है या फिर आपको ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है।
क्या सच में बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने से स्कोर कम होता है?
यह सवाल लगभग हर किसी के मन में आता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक बहुत बड़ा भ्रम यह फैला हुआ है कि खुद अपना सिबिल स्कोर चेक करने से वह कम हो जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह बिल्कुल गलत है। जब आप खुद अपना स्कोर चेक करते हैं, तो इसे ‘सॉफ्ट इन्क्वायरी’ कहा जाता है और इसका आपके स्कोर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। असली नुकसान तब होता है जब कोई बैंक या कर्ज देने वाला संस्थान आपका स्कोर चेक करता है, इसे ‘हार्ड इन्क्वायरी’ कहते हैं। ज्यादा हार्ड इन्क्वायरी होने से आपका स्कोर नीचे जा सकता है।
हार्ड इन्क्वायरी क्या है और यह कैसे नुकसान पहुंचाती है?
जब भी आप लोन या नया क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक आपकी इजाजत लेकर आपका सिबिल स्कोर चेक करता है। इसी को हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगर कम समय में आपने बहुत सारे लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया है और बैंकों ने बार-बार आपका स्कोर चेक किया है, तो सिबिल को लगता है कि आपको पैसों की बहुत जरूरत है। इस वजह से आपको जोखिम भरा ग्राहक माना जा सकता है और आपका स्कोर 5-10 अंक तक नीचे जा सकता है। इसलिए, जरूरत के हिसाब से ही किसी नए कर्ज के लिए अप्लाई करें।
सिबिल स्कोर को सही रखने के आसान तरीके
अपने सिबिल स्कोर को अच्छा बनाए रखना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। बस आपको कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना है:
- बिलों का समय पर भुगतान करें: अपने क्रेडिट कार्ड के बिल या किसी भी किस्त का भुगतान हमेशा समय पर करें। देरी से भुगतान करने का सीधा असर आपके स्कोर पर पड़ता है।
- क्रेडिट उपयोग सीमा को कम रखें: अगर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है, तो कोशिश करें कि 30% यानी 30,000 रुपये से ज्यादा इस्तेमाल न करें। ज्यादा उपयोग करने से स्कोर गिर सकता है।
- बार-बार नए क्रेडिट के लिए आवेदन न करें: जैसा कि हमने ऊपर बताया, हार्ड इन्क्वायरी से बचें। कोई भी नया कर्ज लेने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लें।
- क्रेडिट हिस्ट्री को लंबा और अच्छा बनाए रखें: आपका पुराना और अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड आपके स्कोर को बेहतर बनाता है। इसलिए, पुराने क्रेडिट कार्ड्स को बंद करने से बचें।
सिबिल स्कोर चेक करने का सही और सुरक्षित तरीका
अपना स्कोर चेक करने के लिए आप सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट, या किसी अन्य विश्वसनीय वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें कि हर साल आप एक बार मुफ्त में अपना सिबिल रिपोर्ट चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ जरूरी कागजात जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड की जानकारी और निजी जानकारी भरनी होगी। मीडिया के अनुसार, साल में एक या दो बार अपना स्कोर चेक करना एक अच्छी आदत है ताकि आपको पता चल सके कि सब कुछ ठीक है या नहीं और कोई गलत गतिविधि तो नहीं हुई है।
अगर स्कोर कम है तो क्या करें?
अगर आपका सिबिल स्कोर कम है, तो घबराने की कोई बात नहीं है। इसे फिर से बढ़ाया जा सकता है। सबसे पहले, अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को अच्छी तरह चेक करें कि कहीं कोई गलती तो नहीं है। अगर कोई गलती मिलती है, तो उसे सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाएं। उसके बाद, ऊपर बताए गए तरीकों को फॉलो करें—बिल भरने में देरी न करें, क्रेडिट का उपयोग कम करें और नए कर्ज के आवेदन पर रोक लगाएं। कुछ ही महीनों में आपका स्कोर सुधरना शुरू हो जाएगा।
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