Cibil Score Financial Freedom: क्या आपने कभी सोचा है कि महीने के अंत में ईएमआई की तारीख निकल जाने का आपके सिबिल स्कोर पर क्या असर पड़ता है? अगर आपने कभी इस बारे में सोचा है या फिलहाल आपको इस तरह की कोई परेशानी हो रही है, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम विस्तार से जानेंगे कि ईएमआई में देरी होने पर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर क्या बुरा प्रभाव पड़ता है, यह आपके स्कोर को कितना नीचे गिरा सकता है और सबसे जरूरी बात, इस स्थिति से उबरने के क्या तरीके हैं।
आपको बता दें कि इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी देंगे, इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ें। हम आसान भाषा में समझाएंगे कि क्रेडिट ब्यूरो की नजर में एक छोटी सी चूक भी कितनी बड़ी मानी जाती है और इसे सुधारने के लिए आपको क्या कदम उठाने चाहिए। तो चलिए, शुरू करते हैं और अपने वित्तीय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम उठाते हैं।
ईएमआई में देरी होने पर सिबिल स्कोर पर क्या पड़ता है असर?
सीधे शब्दों में कहें तो, ईएमआई में देरी का सिबिल स्कोर पर सीधा और नकारात्मक असर पड़ता है। सिबिल, जो कि भारत की सबसे बड़ी क्रेडिट इनफार्मेशन कंपनी है, आपके लोन चुकाने के तरीके पर नजर रखती है। हर महीने, बैंक और वित्तीय संस्थान आपकी ईएमआई भरने की तारीख और उसकी स्थिति की जानकारी सिबिल को भेजते हैं। अगर आपने ईएमआई समय पर नहीं भरी, तो यह जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में ‘डिफॉल्ट’ या ‘लेट पेमेंट’ के तौर पर दर्ज हो जाती है।
सिबिल स्कोर कैसे गिरता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आपका सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच में होता है। 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है। अब, अगर आपकी एक भी ईएमआई 30 दिनों से अधिक देरी से आती है, तो इसका असर आपके स्कोर पर तुरंत दिखने लगता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक बार की देरी से आपका स्कोर 50 से 100 अंक तक गिर सकता है। अगर देरी लगातार होती है, तो यह नुकसान और भी गहरा हो जाता है, जिसे ठीक होने में काफी समय लग सकता है।
क्रेडिट रिपोर्ट में क्या दिखाई देता है?
जब आप ईएमआई में देरी करते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में एक विशेष कोड (जैसे ‘1’, ‘2’, ‘3’ आदि) के जरिए इसकी जानकारी देता है। यह कोड बताते हैं कि भुगतान कितने दिनों से लंबित है। उदाहरण के लिए:
- ‘0’ का मतलब: No Due (कोई बकाया नहीं) – यह सबसे अच्छी स्थिति है।
- ‘1’ का मतलब: 1 to 30 days past due (1 से 30 दिनों की देरी)।
- ‘2’ का मतलब: 31 to 60 days past due (31 से 60 दिनों की देरी)।
इन कोड्स में जितनी संख्या बढ़ती है, उतनी ही गंभीर स्थिति मानी जाती है और आपका स्कोर उतना ही तेजी से गिरता है।
भविष्य पर क्या पड़ता है प्रभाव?
एक बार जब आपका स्कोर खराब हो जाता है, तो भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना बहुत कम हो जाती है। अगर मिल भी जाता है, तो ब्याज की दर सामान्य से कहीं अधिक होगी। बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मानने लगते हैं, जिससे आपकी आर्थिक योजनाओं, जैसे नया घर बनवाने या कार खरीदने के सपने पर पानी फिर सकता है।
क्या करें अगर ईएमआई चुकाने में हो गई है देरी?
अगर आपसे अनजाने में भी ईएमआई भरने में देरी हो गई है, तो घबराएं नहीं। सूत्रों के मुताबिक, आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- तुरंत भुगतान करें: जितनी जल्दी हो सके, बकाया राशि जमा कर दें। देरी जितनी कम होगी, नुकसान उतना ही कम होगा।
- बैंक से बात करें: अगर देरी का कारण कोई अनचाही मुसीबत जैसे अचानक बीमारी या नौकरी चले जाना है, तो अपने बैंक मैनेजर से इस बारे में बात करें। कई बार वे आपकी स्थिति को समझते हुए पेनाल्टी माफ कर सकते हैं और रिपोर्टिंग में थोड़ी रियायत दे सकते हैं।
- अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट मंगवाएं और देखें कि उसमें क्या दर्ज हुआ है। कई बार तकनीकी गलतियां भी हो सकती हैं।
- भविष्य के लिए सावधानी बरतें: आगे से ईएमआई का भुगतान समय पर करने के लिए रिमाइंडर सेट करें या ऑटो डेबिट का ऑप्शन चुनें।
निष्कर्ष
आपको बता दें कि आपका सिबिल स्कोर आपकी आर्थिक पहचान की तरह है। इसे बनाने में सालों लगते हैं, लेकिन इसे खराब होने में सिर्फ एक पल लगता है। ईएमआई में देरी एक ऐसी गलती है जिसकी कीमत आपको लंबे समय तक चुकानी पड़ सकती है। इसलिए, हमेशा अपने खर्चों को समझदारी से मैनेज करें और महीने का बजट बनाकर चलें ताकि आपको कभी भी इस तरह की मुश्किल का सामना न करना पड़े। अपने वित्तीय स्वास्थ्य का ध्यान रखें और स्मार्ट तरीके से पैसों का प्रबंधन करें।